दर्द के मौजों पे खुद को सवार मत करना
ऐ मेरे हमराह तू मुझसे कभी प्यार मत करना
ये राह लग सकती है तुझको फूल-ओ-शबनम सी
पर साथ बिछे काटों पे खुद को फ़िगार मत करना
ऐसा नहीं कि मैं तुम्हे बेशुमार न चाहूँगा
पर मेरी हर इक बात का ऐतबार मत करना
एक मुद्दत का वक़्त हो तो सोच सकते हो
जल्दबाज़ी में हो तो किसी का इंतज़ार मत करना
शर्त नहीं रखी जाती हुस्न के दामन में
बाज़ार में आये हो व्यापार मत करना
वस्ल, बोसा, हिज्र, आँसू, दर्द, तोहमत और क़त्ल
प्यार से जो कुछ मिले इनकार मत करना
तुम्हारे दर्द की लज़्ज़त से भी महरूम हो जाये
किसी को, ऐ सितमगर, इतना भी लाचार मत करना
वो जब पहलू में आते हैं बेज़ार हो जाते हैं
खुशबु लेना, फूल को इख़्तियार मत करना
ना बनाओ आलिम इन दश्त-बाशिंदों को तुम
इन खूबसूरत लोगों को तुम बेकार मत करना
ऐ मेरे हमराह तू मुझसे कभी प्यार मत करना
ये राह लग सकती है तुझको फूल-ओ-शबनम सी
पर साथ बिछे काटों पे खुद को फ़िगार मत करना
ऐसा नहीं कि मैं तुम्हे बेशुमार न चाहूँगा
पर मेरी हर इक बात का ऐतबार मत करना
एक मुद्दत का वक़्त हो तो सोच सकते हो
जल्दबाज़ी में हो तो किसी का इंतज़ार मत करना
शर्त नहीं रखी जाती हुस्न के दामन में
बाज़ार में आये हो व्यापार मत करना
वस्ल, बोसा, हिज्र, आँसू, दर्द, तोहमत और क़त्ल
प्यार से जो कुछ मिले इनकार मत करना
तुम्हारे दर्द की लज़्ज़त से भी महरूम हो जाये
किसी को, ऐ सितमगर, इतना भी लाचार मत करना
वो जब पहलू में आते हैं बेज़ार हो जाते हैं
खुशबु लेना, फूल को इख़्तियार मत करना
ना बनाओ आलिम इन दश्त-बाशिंदों को तुम
इन खूबसूरत लोगों को तुम बेकार मत करना
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