Thursday, September 7, 2017

ग़ज़ल - 25

ये जो दर्द की तुग़्यानी है
यानी मेरी ज़िंदगानी है

तेरे फ़ासले का हासिल हूँ
मेरी मंज़िल की कहानी है

तेरी आँखों का आँसू भी
मेरी आँखों का पानी है

इक मिटटी का खिलौना है
इक बच्चे की शैतानी है

मुझको अपना दोस्त बतलाना
तेरे नफ़रत की निशानी है

शमा तो जलती रहती है
परवाने की क़ुर्बानी है

मौत की ज़द में सब रहते हैं
मेरी तो आसानी है

उथला-उथला रहता हूँ
समंदर मेरा सानी है

मैं तेरा दीवाना हूँ
तू अपनी ही दीवानी है

सबके पास देने को नसीहत
जाने क्या परेशानी है

दिल पे चाक लबों पे फ़िक़रे
शायर की निशानी है

संभल गए तो परवरिश है
बहक गए तो जवानी है

हर काम भला है दुनिया में
पर इश्क़ बड़ी नादानी है 

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