ज़ेहनी साँचों में अटकता जा रहा हूँ
सबके दिलों में खटकता जा रहा हूँ
हर सम्त से आ रही है खुशबू
कू-ब-कू भटकता जा रहा हूँ
उछलकर जो जुगनूँ पकड़ने चला था
हवा में लटकता जा रहा हूँ
यादों की कपास चिपकती है दामन पर
मैं दामन झटकता जा रहा हूँ
सबके दिलों में खटकता जा रहा हूँ
हर सम्त से आ रही है खुशबू
कू-ब-कू भटकता जा रहा हूँ
उछलकर जो जुगनूँ पकड़ने चला था
हवा में लटकता जा रहा हूँ
यादों की कपास चिपकती है दामन पर
मैं दामन झटकता जा रहा हूँ
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