अगरचे मुझे हासिल तेरे नक़्श-ए-पा भी नहीं
ये मेरे शौक की क़ज़ा भी नहीं
हयात दोनों को बर-अक्स लिए जाती है
और इसमें दोनों की रज़ा भी नहीं
मौत भी कम कोई ग़नीमत है
ज़िन्दगी कम कोई सज़ा भी नहीं
तुझसे मसाइल ख़त्म किये जा सकते हैं
अव्वल तो मुश्किल नहीं और मज़ा भी नहीं
ये मेरे शौक की क़ज़ा भी नहीं
हयात दोनों को बर-अक्स लिए जाती है
और इसमें दोनों की रज़ा भी नहीं
मौत भी कम कोई ग़नीमत है
ज़िन्दगी कम कोई सज़ा भी नहीं
तुझसे मसाइल ख़त्म किये जा सकते हैं
अव्वल तो मुश्किल नहीं और मज़ा भी नहीं
अगरचे = although
ReplyDeleteनक़्श-ए-पा = footprints
क़ज़ा = death
हयात = life
बर-अक्स = in opposition
मसाइल = problems