मेरा है ये तेरा बदन नहीं
आहिस्ता-आहिस्ता आओ दफ़अतन नहीं
संभलने का वक़्त मिल जाए मुझे
दायम याद करने का मन नहीं
मस्त रहती हो, सैर करती हो
सीना है मेरा चमन नहीं
मेरी बाहों में होने से गुरेज़ तुम्हें
दम घोंटती है पर ये कफ़न नहीं
आहिस्ता-आहिस्ता आओ दफ़अतन नहीं
संभलने का वक़्त मिल जाए मुझे
दायम याद करने का मन नहीं
मस्त रहती हो, सैर करती हो
सीना है मेरा चमन नहीं
मेरी बाहों में होने से गुरेज़ तुम्हें
दम घोंटती है पर ये कफ़न नहीं
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