मैं और कुछ नहीं
बस एक रिश्ता हूँ
तुम से तुम तक का
बस एक ज़रिया हूँ
तुम्हें पहुँचाने के लिए
तुम्हारे न्यूनतम से सर्वोत्तम तक
पाश्विक से पुरुषोत्तम तक
पर ये रास्ते दो तरफ़ा हैं
ये रिश्ता एक वर्तुल है
मैं ज़रिया बन कर थक चुका हूँ
रास्ते में अब चोट के गड्ढे हैं
भावनाओं के अवरोधक हैं
तो अब अगर तुम आगे नहीं बढ़ पा रहे
तो माफ़ करना, रुकावट के लिए खेद है
बस एक रिश्ता हूँ
तुम से तुम तक का
बस एक ज़रिया हूँ
तुम्हें पहुँचाने के लिए
तुम्हारे न्यूनतम से सर्वोत्तम तक
पाश्विक से पुरुषोत्तम तक
पर ये रास्ते दो तरफ़ा हैं
ये रिश्ता एक वर्तुल है
मैं ज़रिया बन कर थक चुका हूँ
रास्ते में अब चोट के गड्ढे हैं
भावनाओं के अवरोधक हैं
तो अब अगर तुम आगे नहीं बढ़ पा रहे
तो माफ़ करना, रुकावट के लिए खेद है
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