आओ छू लूँ मैं तुमको इस तरह
काँप उठे तुम्हारी रूह जिस तरह
बाँध कर तुमको तुमसे ताक़तवर हाथों में
जिस्म का गोश्त नोच लूँ इस तरह
मेरे हाथों में कलावा भी है ताबीज़ भी
धर्म का काम है तमाशा देखो मज्लिस तरह
मैं भेड़िया हूँ मगर चंदन लगाया टोपी पहनी है
मेरा शिकार कर लो मगर तुम करोगे किस तरह
काँप उठे तुम्हारी रूह जिस तरह
बाँध कर तुमको तुमसे ताक़तवर हाथों में
जिस्म का गोश्त नोच लूँ इस तरह
मेरे हाथों में कलावा भी है ताबीज़ भी
धर्म का काम है तमाशा देखो मज्लिस तरह
मैं भेड़िया हूँ मगर चंदन लगाया टोपी पहनी है
मेरा शिकार कर लो मगर तुम करोगे किस तरह
No comments:
Post a Comment