ये रास्ते कितनी तरफ़ खुलते हैं
तुमसे मिलते हैं जितनी तरफ़ खुलते हैं
खुशबू की तरह राहों में मिलते हैं कुछ लोग
कैसे समेटोगे ये इतनी तरफ़ खुलते हैं
तुमसे मिलते हैं जितनी तरफ़ खुलते हैं
खुशबू की तरह राहों में मिलते हैं कुछ लोग
कैसे समेटोगे ये इतनी तरफ़ खुलते हैं
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