Monday, March 26, 2018

अकेले शेर - 9

ये रास्ते कितनी तरफ़ खुलते हैं
तुमसे मिलते हैं जितनी तरफ़ खुलते हैं

खुशबू की तरह राहों में मिलते हैं कुछ लोग
कैसे समेटोगे ये इतनी तरफ़ खुलते हैं

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