पर्वत ने पुर्वाई चुरा ली
सूरज ने परछाई चुरा ली
मैं तुमसे नाराज़ बोहोत हूँ
तुमने मेरी तन्हाई चुरा ली
ये आईने का तर्जुमा है या
उम्र ने मेरी रानाई चुरा ली
ज़िन्दगी तुझको बनाया हमने
तूने मेरी बनवाई चुरा ली
अहद ने उसकी सब यादों को
जितनी थी बचाई, चुरा ली
कारख़ानों ने किसी का बचपन
चूड़ियों ने बीनाई चुरा ली
नज़्मों ने मज़मून चुराये
ग़ज़लों ने रुबाई चुरा ली
शहरों ने घर तक़सीम कर दिए
बच्चों ने शनासाई चुरा ली
किताबों ने तजस्सुस चुराया
तर्बियत ने दानाई चुरा ली
कौमें सदा हम-क़दम रहीं हैं
सियासत ने हम-नवाई चुरा ली
सूरज ने परछाई चुरा ली
मैं तुमसे नाराज़ बोहोत हूँ
तुमने मेरी तन्हाई चुरा ली
ये आईने का तर्जुमा है या
उम्र ने मेरी रानाई चुरा ली
ज़िन्दगी तुझको बनाया हमने
तूने मेरी बनवाई चुरा ली
अहद ने उसकी सब यादों को
जितनी थी बचाई, चुरा ली
कारख़ानों ने किसी का बचपन
चूड़ियों ने बीनाई चुरा ली
नज़्मों ने मज़मून चुराये
ग़ज़लों ने रुबाई चुरा ली
शहरों ने घर तक़सीम कर दिए
बच्चों ने शनासाई चुरा ली
किताबों ने तजस्सुस चुराया
तर्बियत ने दानाई चुरा ली
कौमें सदा हम-क़दम रहीं हैं
सियासत ने हम-नवाई चुरा ली
तर्जुमा = interpretation
ReplyDeleteरानाई = beauty
अहद = time
बीनाई = eye-sight
मज़मून = essays
रुबाई = poetry of four lines
तक़सीम = divide
शनासाई = acquaintance
तजस्सुस = curiosity
तर्बियत = education
दानाई = wisdom
हम-नवाई = like-mindedness