ये ज़िन्दगी क्या है
ये जो याद है क्या वो ज़िन्दगी है
या जो खो गया है और जो पाने वाला है
उसके बीच में है
पर मध्य किधर है
समय की मूलभूत इकाई क्या है
उसके तो निरंतर टुकड़े हो सकते हैं
तो आज किधर है
अभी है! पर अभी तो बीत गया
अभी-अभी
फिर से
कैसे पकड़ेंगे इसे
जो कल था उसका अस्तित्व ही नहीं
सिर्फ प्रतिफल है
जो होने वाला है वो घटा ही नहीं
वो ओझल है
समय के खेल में क्या पा रहे हैं?
क्या समय माया है?
क्योंकि इसका एहसास सापेक्ष्य है, रेलेटिव है
प्रकाश की गति पे समय बदलने लगता है
तो क्या समय की इकाई भी स्थायी नहीं है ?
तो फिर समय क्या है?
अगर ये ज़िन्दगी का चौथा आयाम है
तो फिर ज़िन्दगी क्या है?
ये जो याद है क्या वो ज़िन्दगी है
या जो खो गया है और जो पाने वाला है
उसके बीच में है
पर मध्य किधर है
समय की मूलभूत इकाई क्या है
उसके तो निरंतर टुकड़े हो सकते हैं
तो आज किधर है
अभी है! पर अभी तो बीत गया
अभी-अभी
फिर से
कैसे पकड़ेंगे इसे
जो कल था उसका अस्तित्व ही नहीं
सिर्फ प्रतिफल है
जो होने वाला है वो घटा ही नहीं
वो ओझल है
समय के खेल में क्या पा रहे हैं?
क्या समय माया है?
क्योंकि इसका एहसास सापेक्ष्य है, रेलेटिव है
प्रकाश की गति पे समय बदलने लगता है
तो क्या समय की इकाई भी स्थायी नहीं है ?
तो फिर समय क्या है?
अगर ये ज़िन्दगी का चौथा आयाम है
तो फिर ज़िन्दगी क्या है?
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