जन्मदिन, एक और दिन...
पर मैं तो गर्भ में भी ज़िंदा था
क्या उस दिन मेरा जन्मदिन था जब मैं पहली बार भ्रूण बना
या उस दिन जब उसमें आत्मा प्रविष्ट हुई
या फिर उस दिन जब मैंने पहली बार गर्भ में हरकत की
पर जन्मदिन मेरा है या इस आवरण का जिसे हम शरीर कहते हैं
यह तो इसपे निर्भर करता है कि हम स्वयं को किससे इंगित करते हैं
युग के अंत में सृष्टि की पुनरावृत्ति होती है
तो क्या हर युग की शुरुआत में मेरा जन्मदिन है
पर आत्मा तो युगातीत भी है
तो क्या मेरा जन्म रचयिता का भी जन्मदिन है
क्या हम और रचयिता एक ही हैं?
पर मैं तो गर्भ में भी ज़िंदा था
क्या उस दिन मेरा जन्मदिन था जब मैं पहली बार भ्रूण बना
या उस दिन जब उसमें आत्मा प्रविष्ट हुई
या फिर उस दिन जब मैंने पहली बार गर्भ में हरकत की
पर जन्मदिन मेरा है या इस आवरण का जिसे हम शरीर कहते हैं
यह तो इसपे निर्भर करता है कि हम स्वयं को किससे इंगित करते हैं
युग के अंत में सृष्टि की पुनरावृत्ति होती है
तो क्या हर युग की शुरुआत में मेरा जन्मदिन है
पर आत्मा तो युगातीत भी है
तो क्या मेरा जन्म रचयिता का भी जन्मदिन है
क्या हम और रचयिता एक ही हैं?
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