खाली पन्ने यादों के, पलट के देखता हूँ
तेरे बिताये लम्हों कि मरघट को देखता हूँ
मोहब्बत, अक़ीदत, वफादारी, लाचारी,
मैं मुड़ के बस तेरी नीयत को देखता हूँ
ये हीर, ये रांझे, महिवालों के किस्से,
इन किस्सों मे बस, गोया, कैफ़ियत को देखता हूँ
शब-ए-वस्ल-ओ-सेहर-ए-हिज्राँ
मैं इन के दरम्याँ कि मुद्दत को देखता हूँ
तेरे बिताये लम्हों कि मरघट को देखता हूँ
मोहब्बत, अक़ीदत, वफादारी, लाचारी,
मैं मुड़ के बस तेरी नीयत को देखता हूँ
ये हीर, ये रांझे, महिवालों के किस्से,
इन किस्सों मे बस, गोया, कैफ़ियत को देखता हूँ
शब-ए-वस्ल-ओ-सेहर-ए-हिज्राँ
मैं इन के दरम्याँ कि मुद्दत को देखता हूँ
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